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लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2022 कल्पना

एक दिन मेरा भी होगा 
कब तक रहेगी रात , सवेरा भी होगा 
नोटों के पहाड़ पर चढकर एक दिन 
आसमान को मुठ्ठी में बंद कर लेंगे 
बिजली से आंखें मिलाकर 
बरखा रानी के इश्क में डूबकर 
किरण से मीठी मीठी बातें चंद कर लेंगे 
फिर स्वर्ग लोक पर अपना राज होगा 
अप्सराओं से घिरा पाकर खुद पे नाज होगा 
घृणा के मरुस्थल को एक दिन 
प्रेम के सघन वन में तब्दील कर देंगे 
स्वार्थ की छाई हुई काई को छांटकर 
मन के सागर को इंसानियत के गंगाजल से भर देंगे 
बेलगाम दौड़ते अपराध के घोडों की वल्गाऐं खींच 
उन्हें न्याय के मजबूत खूंटे से बांध देंगे 
अहं के वर्चस्व के कारण टूटे हुए परिवारों को 
प्रेम के धागों से अटूट बंधन में बांध देंगे 
एक दिन ज्ञान का दीपक जलाकर 
अंधकार के साम्राज्य का विनाश कर देंगे 
निराश, भग्न हृदयों में आशा का संचार भर देंगे 
चारों ओर फैले इस प्रदूषण को साफ करना है 
नारी को उचित स्थान देकर इंसाफ करना है 
कल्पनाऐं तो बहुत हैं , कल्पना करने में क्या जाता है 
कल्पना लोक में बैठकर मन के पन्नों पर 
काल्पनिक रचना लिखने में आनंद बहुत आता है 

श्री हरि 
17.12.22 


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8 Comments

Punam verma

18-Dec-2022 09:48 AM

Very nice

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Abhinav ji

18-Dec-2022 09:12 AM

Very nice👍

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Sachin dev

17-Dec-2022 05:05 PM

Superb

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Hari Shanker Goyal "Hari"

18-Dec-2022 05:52 AM

हार्दिक अभिनंदन जी

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